sumansahay

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तेरे वादे

तेरे वादो पे कहाँ तक मिरा दिल फ़रेब खाए 

कोई ऐसा कर बहाना मिरी आस टूट जाए 

कोई पाबंद-ए-मोहब्बत ही बता सकता है 

एक दीवाने का ज़ंजीर से रिश्ता क्या है 

दुनिया-ए-तसव्वुर हम आबाद नहीं करते 

याद आते हो तुम ख़ुद ही हम याद नहीं करते 

अंधेरों को निकाला जा रहा है 

मगर घर से उजाला जा रहा है 

साहिल के तमाशाई हर डूबने वाले पर 

अफ़्सोस तो करते हैं इमदाद नहीं करते

                       सुमन ✍️

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3 Comments

Raushan

07-Sep-2021 07:39 PM

Waah

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Swati chourasia

07-Sep-2021 05:03 PM

Very nice 👌

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Anjana

07-Sep-2021 04:57 PM

Awesome work❣️❣️

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